![]() |
प्रदेश की राजधानी लखनऊ तथा प्रमुख औद्योगिक नगर कानुपर को जोड़ने वाले रायबरेली नगर के नियोजित एवं श्रृखलाबद्ध विकास के लिए शासनादेश संख्या-5685/37-2-33डी.ए.-72 दिनांक 30 अक्तूबर 1973 द्वारा रायबरेली विकास क्षेत्र और इसी क्षेत्र की सार्थकता को साकार रूप देने के लिए शासनादेश संख्या-5685/37-2-33डी.ए.-72 दिनांक 03 दिसम्बर 1976 द्वारा रायबरेली विकास क्षेत्र का गठन किया गया। प्राधिकरण अपनी स्थापना से अब तक विनियमित/विकास क्षेत्र के अन्र्तगत विकास के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप कार्य सम्पन्न कर रहा है। |
प्राधिकरण के क्रिया-कलाप: |
इसके अन्र्तगत प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित विनियमित क्षेत्र की सीमा में भवनों के निर्माण हेतु भवन मानचित्र तथा भूखण्डों के विकास हेतु तल पटमान चित्र स्वीकृत किये जाते हैं। तलपट/भवन मानचित्रों के निस्तारण हेतु व्यवस्था उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 कीधारा 14 व 15 में दी गयी है। स्वीकृत मानचित्र के विपरीत अथवा बिना प्राधिकरण की अनुमति के कराये गये निर्माण कार्यों के विरूद्ध प्राधिकरण द्वारा वर्णित अधिनियम की धारा-27(1) के अधीन कार्यवाही की जाती है। अधिनियम की उक्तधाराओं में निहित शक्तियों का प्रयोग उपाध्यक्ष द्वारा किये जाने का विधान है, जो समय-समय पर उपाध्यक्ष द्वारा सचिव को प्रतिनिधायित किये जाते रहे हैं। |
2. विकास कार्य: |
इसके अन्र्तगत भूमिका अर्जन कर उसे विकसित करना, उस पर आवासीय, व्यवसायिक तथा औद्योगिक इकाइयों के निर्माण हेतु भूखण्ड बनाना, उन्हें बेचना तथा आवासीय/व्यवसायिक इकाइयों का निर्माण कराकर उसे जनता के लोगों को प्रचलित नियमों/विनियमों के अधीन आवंटित करना है। अभी तक रायबरेली विकास प्राधिकरण ने आवासीय/व्यवसायिक इकाइयों का पर्याप्त निर्माण कराया है। आवासीय योजनाओं में यथास्थिति पार्कों एवं अन्य जनोपयोगी सुविधाओं का प्राविधान किया जाता है। |